जींद में टले दो ट्रेन हादसेः एक बार गेटमैन तो दूसरी बार ट्रैकमैन ने दिखाई सूझबूझ

 


जींद में टले दो ट्रेन हादसेः एक बार गेटमैन तो दूसरी बार ट्रैकमैन ने दिखाई सूझबूझ


ट्रैकमैन की सूझबूझ से एक बार फिर ट्रेन हादसा होने से बचाव हो गया। ट्रैकमैन हेतराम बुधवार सुबह आठ बजे पटरियों के निरीक्षण के लिए निकला। निरीक्षण के दौरान हेतराम को सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर बरसोला के पास पटरी टूटी हुई दिखाई दी। इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी।
 

अधिकारियों ने ट्रेन नंबर 14625 दिल्ली-छिंदवाड़ा एक्सप्रेस व ट्रेन नंबर 22479 सरबद दा भला ट्रेन को रुकवा दिया। एक घंटे के बाद ट्रैक को ठीक किया गया। इसके बाद ट्रेनों को रवाना किया गया। टीम को पटरी को ठीक करने में एक घंटे का समय लगा। 


 



बता दें कि 25 नवंबर को भी जैजैवंती स्टेशन पर पटरी टूटी हुई मिली थी। जिसकी वजह से दुर्ग-फिरोजपुर अंत्योदय एक्सप्रेस तीन घंटे, नई दिल्ली-मोगा इंटर सिटी एक्सप्रेस एक घंटा, दिल्ली-सराय रोहिला-फिरोजपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन एक घंटा 42 मिनट, रोहतक-जींद पैसेंजर ट्रेन तीन घंटे 12 मिनट व दिल्ली-फिरोजपुर पैसेंजर ट्रेन एक घंटा लेट हुई थी।

 

25 नवंबर की रात को गेटमैन सुनील की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया था। 25 नवंबर को गेटमैन सुनील जब ड्यूटी खत्म करके जाने की तैयारी में थे तो उस समय सुबह सात बजकर 20 मिनट पर जैजैवंती स्टेशन पर कोयला से भरी मालगाड़ी गुजरी। सुनील को पटरी के कड़कने की आवाज सुनाई दी थी। उसने जाकर देखा तो पटरी टूटी थी। सुनील की सूझबूझ से भी 25 नवंबर को हादसा बच गया।
 

ट्रैकमैन रखते हैं नजर
सर्दियों में पटरियां सिकुड़ जाती हैं और टूट जाती हैं। इसके लिए ट्रैकमैन लगातार पटरियों की जांच करते हैं। ट्रैकमैन की सूझबूझ के चलते दो बड़े हादसे होने से बच गए। इससे अन्य कर्मचारियों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए जिससे हादसों पर रोक लग सकें। ऐसे में सभी कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे अपनी ड्यूटी सूझबूझ से करें। जयप्रकाश स्टेशन अधीक्षक जींद जंक्शन