बारिश और ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ फसलें तबाह, पठानकोट में बिजली गिरने से 40 बकरियों की मौत
हरियाणा के विभिन्न इलाकों में गुरुवार शाम तक हुई बारिश और ओलावृष्टि के चलते रोहतक, सोनीपत, भिवानी, फतेहाबाद, झज्जर समेत कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। बारिश के चलते जहां सोनीपत जिले की मंडियों में 70 हजार क्विंटल धान भीग गया, वहीं ओलावृष्टि और ज्यादा बारिश से रोहतक समेत कई जिलों में गेहूं, सरसों और सब्जी की सैकड़ों एकड़ फसलों को क्षति पहुंची है।
अन्य जिलों से भी इस तरह की शिकायतें अधिकारियों को मिली हैं। किसानों ने अधिकारियों से गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग उठाई है। बुधवार रात से गुरुवा शाम तक रुक-रुक हुई बारिश के चलते सोनीपत समेत गोहाना, खरखौदा और गन्नौर की मंडियों में पड़ा धान भीग गया। इसमें सबसे अधिक 50 हजार क्विंटन धान गोहाना मंडी में भीगा है।
धान की फसल भीगने से मंडी में दो दिन से खरीद भी बंद है। सोनीपत अनाज मंडी में भी करीब 12 हजार क्विंटल धान भीग गया। गोहाना में धान की फसल जलमग्न हो गई। भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने राज्य सरकार से किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है।
उधर, हिसार की मंडी में राजस्थान से मूंगफली बिकने को आई हुई है। मगर शेड के नीचे आढ़तियों का सामान रखा होने के कारण किसान अपनी फसल खुले में रखने को मजबूर हैं। तीन दिनों से हो रही बारिश में किसानों की करीब 50 हजार क्विंटल मूंगफली की फसल भी भीग गई। किसानों के मुताबिक अब दोबारा से उन्हें अपनी फसल को सूखाना पड़ेगा।
अन्य जिलों से भी इस तरह की शिकायतें अधिकारियों को मिली हैं। किसानों ने अधिकारियों से गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग उठाई है। बुधवार रात से गुरुवा शाम तक रुक-रुक हुई बारिश के चलते सोनीपत समेत गोहाना, खरखौदा और गन्नौर की मंडियों में पड़ा धान भीग गया। इसमें सबसे अधिक 50 हजार क्विंटन धान गोहाना मंडी में भीगा है।
धान की फसल भीगने से मंडी में दो दिन से खरीद भी बंद है। सोनीपत अनाज मंडी में भी करीब 12 हजार क्विंटल धान भीग गया। गोहाना में धान की फसल जलमग्न हो गई। भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने राज्य सरकार से किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है।
उधर, हिसार की मंडी में राजस्थान से मूंगफली बिकने को आई हुई है। मगर शेड के नीचे आढ़तियों का सामान रखा होने के कारण किसान अपनी फसल खुले में रखने को मजबूर हैं। तीन दिनों से हो रही बारिश में किसानों की करीब 50 हजार क्विंटल मूंगफली की फसल भी भीग गई। किसानों के मुताबिक अब दोबारा से उन्हें अपनी फसल को सूखाना पड़ेगा।
17 गांवों में फसलों को नुकसान, नंदीशाला में 15 गोवंश की मौत
बुधवार देर रात्रि हुई बारिश और ओलावृष्टि के चलते क्षेत्र के करीब 17 गांवों में गेहूं और बरसीम की फसल को नुकसान हुआ है। तहसील और कृषि विभाग की टीमों ने गांवों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर जिला उपायुक्त को भेज दी है। उधर, भूना क्षेत्र में ओले पड़ने से एक नंदी शाला में 15 गोवंश की मौत हो गई। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक गांवों में फसल चौपट हो गई। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर कांशीराम, उपमंडल अधिकारी डॉ. चंद्रप्रकाश गढ़वाल और वरिष्ठ डॉक्टर राजाराम कंस्वा ने श्री कृष्ण प्रणामी नंदी शाला का निरीक्षण किया।
ओलावृष्टि से धान व गेहूं की फसल को क्षति
बेरी क्षेत्र के कई गांवों में भी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, जिससे किसानों की खेतों में काटी हुई धान की फसल और बिजाई की गई गेहूं की फसल खराब हो गई है। किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों से मुआवजे की मांग की है।
12 एमएम बारिश से चना, गेहूं और सरसों को नुकसान
बहल और कैरू क्षेत्र के कुछ गांवों में ओलावृष्टि से किसानों की सरसों, गेहूं, चना की फसलों को भारी नुकसान हुआ। शहर में करीब 12 एमएम बारिश से नेशनल हाईवे पर भी पानी जमा हो गया। शहर के निचले इलाकों में भी जलभराव लोगों के लिए परेशानी बना। तोशाम, बवानीखेड़ा में भी बारिश से ऐसे ही हालात रहे।
8 जिलों में 14.76 लाख टन में से 4 लाख टन गेहूं खराब होने का डर
प्रदेश भर में सरकारी गोदामों में गेहूं का भंडारण किया हुआ है। ज्यादातर जिलों से यही रिपोर्ट है कि भंडारण किया हुआ गेहूं गोदामों में सुरक्षित है। अमर उजाला की टीम ने चेक किया तो कुछ जगह पर गेहूं सुरक्षित नहीं मिला। यहां या तो गेहूं सड़ गया है या बारिश में भीग गया है। ऐसा हाल सोनीपत और भिवानी में ज्यादा है।
ओलावृष्टि से धान व गेहूं की फसल को क्षति
बेरी क्षेत्र के कई गांवों में भी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, जिससे किसानों की खेतों में काटी हुई धान की फसल और बिजाई की गई गेहूं की फसल खराब हो गई है। किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों से मुआवजे की मांग की है।
12 एमएम बारिश से चना, गेहूं और सरसों को नुकसान
बहल और कैरू क्षेत्र के कुछ गांवों में ओलावृष्टि से किसानों की सरसों, गेहूं, चना की फसलों को भारी नुकसान हुआ। शहर में करीब 12 एमएम बारिश से नेशनल हाईवे पर भी पानी जमा हो गया। शहर के निचले इलाकों में भी जलभराव लोगों के लिए परेशानी बना। तोशाम, बवानीखेड़ा में भी बारिश से ऐसे ही हालात रहे।
8 जिलों में 14.76 लाख टन में से 4 लाख टन गेहूं खराब होने का डर
प्रदेश भर में सरकारी गोदामों में गेहूं का भंडारण किया हुआ है। ज्यादातर जिलों से यही रिपोर्ट है कि भंडारण किया हुआ गेहूं गोदामों में सुरक्षित है। अमर उजाला की टीम ने चेक किया तो कुछ जगह पर गेहूं सुरक्षित नहीं मिला। यहां या तो गेहूं सड़ गया है या बारिश में भीग गया है। ऐसा हाल सोनीपत और भिवानी में ज्यादा है।
सोनीपत में डीएफएससी को 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं एफसीआई और हैफेड ने दिया था। इस बार हरियाणा में गेहूं कटाई और खरीद के समय बारिश के कारण गेहूं काला पड़ गया था। पूरे प्रदेश में एफसीआइ ने सैंपलिंग कराई थी और उसने सभी जिलों के लिए एडवाइजरी जारी की थी कि इस गेहूं को जल्दी निकाला जाए।
ये गेहूं अभी नहीं निकला है और खराब होना शुरू हो गया है। इस वजह से सोनीपत में काफी गेहूं खराब हुआ है। कई जगह डिपो पर ये खराब गेहूं भेजा गया। जहां गांव में खराब गेहूं पहुंच रहा है, उसे वापस लेकर बदला जा रहा है। हैफेड विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भिवानी की चारा मंडी में खुले आसमान के नीचे स्टॉक में लगा गेहूं बुधवार दोपहर बाद आई बारिश में भीग गया।
चारा मंडी में हैफेड विभाग सहित अन्य सरकारी एजेंसियों के करीब 10 लाख गेहूं के कट्टे खुले आसमान के नीचे लगे हैं। बारिश के दौरान खुले में स्टॉक में लगे गेहूं के कट्टे भीग गए। वहीं गेहूं भंडारण की जगह के आसपास भी बारिश का पानी जमा हो गया।
गेहूं के भंडारण में हैफेड अधिकारियों की इस तरह की लापरवाही पहले भी उजागर हो चुकी है। सरकारी तौर पर हैफेड ने गेहूं की खरीद की थी, लेकिन गोदाम नसीब नहीं हुए। यही वजह रही कि लाखों मीट्रिक टन गेहूं खुले में ही रखना पड़ा। इसके अलावा चरखी-दादरी, रेवाड़ी, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और झज्जर में भंडारण किया हुआ गेहूं सुरक्षित है।
कहां कितना गेहूं रखा गया
जिला गेहूं का भंडारण (टन में)
सोनीपत : 4 लाख
चरखी-दादरी : 28 हजार
झज्जर : 50 हजार
जींद : 18 हजार
भिवानी : 50 हजार
फतेहाबाद : 4 लाख
हिसार : 30 हजार
कैथल : 5 लाख
ये गेहूं अभी नहीं निकला है और खराब होना शुरू हो गया है। इस वजह से सोनीपत में काफी गेहूं खराब हुआ है। कई जगह डिपो पर ये खराब गेहूं भेजा गया। जहां गांव में खराब गेहूं पहुंच रहा है, उसे वापस लेकर बदला जा रहा है। हैफेड विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भिवानी की चारा मंडी में खुले आसमान के नीचे स्टॉक में लगा गेहूं बुधवार दोपहर बाद आई बारिश में भीग गया।
चारा मंडी में हैफेड विभाग सहित अन्य सरकारी एजेंसियों के करीब 10 लाख गेहूं के कट्टे खुले आसमान के नीचे लगे हैं। बारिश के दौरान खुले में स्टॉक में लगे गेहूं के कट्टे भीग गए। वहीं गेहूं भंडारण की जगह के आसपास भी बारिश का पानी जमा हो गया।
गेहूं के भंडारण में हैफेड अधिकारियों की इस तरह की लापरवाही पहले भी उजागर हो चुकी है। सरकारी तौर पर हैफेड ने गेहूं की खरीद की थी, लेकिन गोदाम नसीब नहीं हुए। यही वजह रही कि लाखों मीट्रिक टन गेहूं खुले में ही रखना पड़ा। इसके अलावा चरखी-दादरी, रेवाड़ी, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और झज्जर में भंडारण किया हुआ गेहूं सुरक्षित है।
कहां कितना गेहूं रखा गया
जिला गेहूं का भंडारण (टन में)
सोनीपत : 4 लाख
चरखी-दादरी : 28 हजार
झज्जर : 50 हजार
जींद : 18 हजार
भिवानी : 50 हजार
फतेहाबाद : 4 लाख
हिसार : 30 हजार
कैथल : 5 लाख
अगर गेहूं बारिश में भीगा है तो पूरी तरह से गलत है। इस गेहूं को सुखाने के बाद ही उठान होगा। गेहूं की गुणवत्ता पर इसका कोई बुरा असर न पड़े, इसकी भी जांच कराई जाएगी। - मांगेराम, जिला प्रबंधक हैफेड भिवानी।
लुधियानाः ओले के साथ 26.8 एमएम बरसात, पारा लुढका
बुधवार देर रात को बारिश के साथ पड़े ओलो से मौसम का मिजाज बदलता जा रहा है। देर रात तक बारिश रूक-रूक होती रही। पीएयू मौसम विभाग के अनुसार बुधवार रात को 26.8 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इससे न्यूनतम तापमान 14.4 डिग्री और अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री रह गया है।
मौसम के अनुसार आने वाले चौबीस घंटे के दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे। वहीं कई जगह पर बरसात होने की संभावना भी है। गौर हो कि बुधवार देर शाम लगभग सात बजे अचानक बारिश शुरू हई। बारिश के दौरान कई जगह पर ओले भी पड़े।
पठानकोटः बिजली गिरने से 40 बकरियों की मौत
बुधवार देर रात हुई बारिश और बिजली गद्दी परिवार पर कहर बनकर टूटी है। रात करीब 11:30 बजे शाहपुरकंडी के गांव कोट अडे़ली में बिजली गिरने से 40 बकरियों की मौत हो गई। प्रशासनिक टीम ने घटनास्थल का दौरा कर नुकसान का आंकलन किया। विभिन्न संगठनों ने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक जोरदार बारिश के साथ गांव कोट अडे़ली के जंगलों में डेरा लगाए बैठे गद्दी के डेरे पर बिजली गिरी, जिसमें जिला चंबा निवासी माधोराम की बकरियों की मौत हो गई।
माधोराम ने बताया कि सर्दियों के चलते अभी 15 दिन पहले ही उन्होंने हिमाचल से पंजाब की तरफ पलायन किया था और 300 मवेशी साथ लेकर आए थे। रात करीब 11:20 बजे जोरदार धमाके की आवाज आई। बाहर आकर देखा तो उनकी बकरियां तड़प रही थी। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पंचायत को दी। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
डिप्टी डीएफओ नवदीप अग्रवाल ने बताया कि हादसे की उनको जानकारी नहीं मिली है। शीघ्र ही वह अपने स्टाफ को भेज कर पूरी जानकारी हासिल करेंगे। वहीं गांव कोट अडे़ली की सरपंच विमला देवी ने जिला प्रशासन से बिजली से गद्दी परिवार को हुए नुकसान की मदद देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में उनकी जमा पूंजी छिन गई है। इसलिए प्रशासन पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दें।
लुधियानाः ओले के साथ 26.8 एमएम बरसात, पारा लुढका
बुधवार देर रात को बारिश के साथ पड़े ओलो से मौसम का मिजाज बदलता जा रहा है। देर रात तक बारिश रूक-रूक होती रही। पीएयू मौसम विभाग के अनुसार बुधवार रात को 26.8 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इससे न्यूनतम तापमान 14.4 डिग्री और अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री रह गया है।
मौसम के अनुसार आने वाले चौबीस घंटे के दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे। वहीं कई जगह पर बरसात होने की संभावना भी है। गौर हो कि बुधवार देर शाम लगभग सात बजे अचानक बारिश शुरू हई। बारिश के दौरान कई जगह पर ओले भी पड़े।
पठानकोटः बिजली गिरने से 40 बकरियों की मौत
बुधवार देर रात हुई बारिश और बिजली गद्दी परिवार पर कहर बनकर टूटी है। रात करीब 11:30 बजे शाहपुरकंडी के गांव कोट अडे़ली में बिजली गिरने से 40 बकरियों की मौत हो गई। प्रशासनिक टीम ने घटनास्थल का दौरा कर नुकसान का आंकलन किया। विभिन्न संगठनों ने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक जोरदार बारिश के साथ गांव कोट अडे़ली के जंगलों में डेरा लगाए बैठे गद्दी के डेरे पर बिजली गिरी, जिसमें जिला चंबा निवासी माधोराम की बकरियों की मौत हो गई।
माधोराम ने बताया कि सर्दियों के चलते अभी 15 दिन पहले ही उन्होंने हिमाचल से पंजाब की तरफ पलायन किया था और 300 मवेशी साथ लेकर आए थे। रात करीब 11:20 बजे जोरदार धमाके की आवाज आई। बाहर आकर देखा तो उनकी बकरियां तड़प रही थी। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पंचायत को दी। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
डिप्टी डीएफओ नवदीप अग्रवाल ने बताया कि हादसे की उनको जानकारी नहीं मिली है। शीघ्र ही वह अपने स्टाफ को भेज कर पूरी जानकारी हासिल करेंगे। वहीं गांव कोट अडे़ली की सरपंच विमला देवी ने जिला प्रशासन से बिजली से गद्दी परिवार को हुए नुकसान की मदद देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में उनकी जमा पूंजी छिन गई है। इसलिए प्रशासन पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दें।